UP Board Exam 2026 AI Monitoring: अगले साल, यानी 2026 में होने वाली हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं (Board Exams) में एक बहुत बड़ा बदलाव होने जा रहा है. अब परीक्षा हॉल में नकल और धांधली रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लिया जाएगा. हाँ, आपने सही सुना. यूपी बोर्ड (Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad) ने परीक्षाओं को एकदम साफ़-सुथरा (Transparent) बनाने के लिए यह High-Tech System लाने का फ़ैसला किया है. यह एक बहुत ज़रूरी कदम है क्योंकि हर साल लाखों बच्चे परीक्षा देते हैं और उनकी मेहनत पर कोई दाग़ न लगे, यह देखना बोर्ड की ज़िम्मेदारी है. इस बार AI सिर्फ़ निगरानी ही नहीं करेगा, बल्कि प्रश्नपत्रों की सुरक्षा में भी एक तरह से Digital Guard की भूमिका निभाएगा.
7 हज़ार Centers पर होगी AI-Powered CCTV की पैनी नज़र
यूपी बोर्ड की परीक्षाएँ बहुत बड़े पैमाने पर होती हैं. इस बार पूरे प्रदेश में क़रीब सात हज़ार परीक्षा केंद्र (Exam Centers) बनाए जाएँगे, जहाँ छात्रों की संख्या पहले से ज़्यादा होगी. पहले भी Centers पर CCTV Cameras लगे होते थे, पर अब बात अलग है. अब ये सभी कैमरे सीधे AI System से जोड़े जाएँगे.
मैं इसे ऐसे समझाता हूँ, जैसे- पहले कैमरा सिर्फ़ रिकॉर्ड करता था, पर अब AI कैमरे के Feed को लगातार देखेगा और समझेगा. अगर कोई स्टूडेंट आपस में बात करता है, या नकल करने की कोशिश करता है, तो AI तुरंत पहचान लेगा. ज़रा सी भी ‘गड़बड़ी’ होने पर, यह सिस्टम तुरंत बोर्ड मुख्यालय के Control Room को एक Alert भेज देगा. इससे नक़ल करने वालों को उसी वक़्त पकड़ा जा सकेगा, जिससे परीक्षा की शुचिता (Sanctity) बनाए रखने में बहुत मदद मिलेगी.
UP Board AI Surveillance: कैसे काम करेगा यह नया System?
यह जानना ज़रूरी है कि आखिर यह High-Tech System काम कैसे करेगा. अधिकारियों की मानें तो इस बार यह पूरी तरह से फुलप्रूफ है, और इसके पीछे कुछ खास तकनीकें काम करेंगी:
- व्यवहारिक निगरानी (Behavioral Monitoring): AI की मदद से छात्रों के Facial Movements और Body Language पर नज़र रखी जाएगी. अगर कोई बार-बार इधर-उधर देखता है या अजीब हरकत करता है, तो सिस्टम उसे तुरंत Flag कर देगा.
- प्रश्नपत्रों की सुरक्षा: AI कैमरे Strong Room के खुलने और बंद होने का समय और उसमें जाने वाले लोगों की संख्या को भी Track करेंगे. अगर तय Standard Operating Procedure (SOP) के ख़िलाफ़ कुछ भी होता है, तो तुरंत Alert जारी होगा.
- आवाज़ की पहचान: यह सिस्टम आवाज को भी पहचान लेगा, जिससे आपस में फुसफुसाहट या बातचीत करके नकल करने की कोशिश नाकाम होगी.
इन सभी तकनीकों का मकसद एक ही है, और वो है- हर कीमत पर एक साफ-सुथरी परीक्षा कराना.
इस High-Tech System के लिए 25 करोड़ रुपये का Budget तय
यह AI-based Monitoring System कोई छोटा-मोटा काम नहीं है. इसकी तैयारी में पैसा और समय दोनों लगेंगे. इस नई व्यवस्था को ज़मीन पर उतारने के लिए प्रदेश सरकार ने 25 करोड़ रुपये का Budget मंज़ूर किया है. दरअसल, बोर्ड ने पिछले साल भी यह सिस्टम शुरू करने की कोशिश की थी, पर एक ही एजेंसी ने 45 करोड़ का Proposal दिया था, जो बजट से ज़्यादा था. इसलिए तब यह लागू नहीं हो पाया. लेकिन इस बार बोर्ड सचिव Bhagwati Singh ने इस व्यवस्था को हर हाल में लागू करने की तैयारी कर ली है.
इस 25 करोड़ के बजट से बोर्ड मुख्यालय, यानी प्रयागराज में, एक परमानेंट Control Room बनाया जाएगा, जो सीधे तौर पर ज़िला स्तर के सभी Control Rooms से जुड़ा होगा. मेरा मानना है कि यह UP के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा Game Changer साबित होगा.
पूरी जानकारी के लिए आप Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad (UPMSP) की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं: [suspicious link removed].
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