त्रिपुरा में डॉक्टरों की भर्ती पर बड़ा खुलासा | Tripura Doctor Recruitment

Tripura Recruitment Controversy : Tripura में डॉक्टर की भर्ती को लेकर एक बड़ा विवाद हो गया है. त्रिपुरा पब्लिक सर्विस कमीशन (TPSC) ने हाल ही में जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर (GDMO) के 216 पदों के लिए रिजल्ट जारी किया, जिसमें कुछ कैंडिडेट्स के बहुत कम marks आए हैं. किसी के 14 marks हैं, तो किसी के 19. ऐसे कम नंबरों के बावजूद भी उनकी Selection हुई है, जिसको लेकर लोग बहुत नाराज हैं. ये बात हर जगह फैल गई है और लोग पूछ रहे हैं कि अगर डॉक्टर बनने के लिए इतने कम नंबर काफी हैं, तो फिर मरीजों की जिंदगी का क्या होगा.

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TPSC भर्ती के पीछे क्या गणित है.

 

इस पूरे मामले को समझने के लिए TPSC की selection process को जानना जरूरी है. TPSC ने GDMO के कुल 224 vacancies के लिए भर्ती निकाली थी. इसमें लिखित परीक्षा 85 नंबर की थी और इंटरव्यू 15 नंबर का. यानि कुल 100 नंबर में से ही final merit list बनाई गई. लिखित परीक्षा 9 फरवरी 2025 को हुई थी और उसके बाद 30 जून 2025 को personality test/interview हुआ. TPSC की तरफ से इस भर्ती के लिए कोई न्यूनतम qualifying marks तय नहीं किए गए थे. इसी वजह से इतने कम नंबर लाने वाले candidates भी पास हो गए.

 

सबसे कम नंबर पाने वाले उम्मीदवार

TPSC की जो final recommendation list आई है, उसमें चौंकाने वाले details सामने आए हैं.

  • सबसे कम 14.05 marks एक उम्मीदवार को मिले हैं.
  • 19 नंबर पाने वाले उम्मीदवार भी लिस्ट में शामिल हैं.
  • 100 में से 30 से कम marks लाने वाले कई उम्मीदवार भी चुने गए हैं, जो की आमतौर पर एक competitive exam में पास होने के लिए काफी नहीं माने जाते.
  • इस लिस्ट में कुल 216 उम्मीदवारों के नाम हैं जिन्हें 224 पदों में से सिलेक्ट किया गया है.
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विरोध और मुख्यमंत्री का पक्ष

 

जैसे ही ये list social media पर आई, लोगों में गुस्सा फैल गया. पत्रकार Manas Paul ने इसे public health के लिए एक बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि 14, 19 या 20 नंबर पाने वाले डॉक्टर लोगों की सेहत के लिए एक बड़ा risk हैं. वहीं, इस विवाद के बाद भी त्रिपुरा के Chief Minister डॉ. Manik Saha ने social media पर सिलेक्ट हुए सभी candidates को बधाई दी. उन्होंने लिखा कि उम्मीद है ये सभी नए डॉक्टर मानवता की सेवा dedication और compassion के साथ करेंगे. हालाँकि, उनके इस बयान के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और अब कई लोग पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच की मांग कर रहे हैं.

 

आगे क्या हो सकता है.

 

इस पूरे विवाद ने healthcare system की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस तरह की भर्ती से आम लोगों का सरकारी डॉक्टरों पर भरोसा कम हो सकता है. लोग चाहते हैं कि TPSC और सरकार इस पर कुछ साफ-साफ बताए. लोगों की मांग है कि डॉक्टरों की भर्ती के लिए भी एक minimum cutoff mark होना चाहिए ताकि सिर्फ काबिल और अच्छे marks लाने वाले candidates ही चुने जाएं. इस मामले में सरकार की तरफ से कोई official statement अभी तक नहीं आया है, लेकिन लोगों का दबाव बढ़ता जा रहा है.

 

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