RIMC Admissions 2026: अगर आप अपने बच्चे को फौजी अफसर बनते देखना चाहते हैं, तो देहरादून का राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (RIMC) एक शानदार मौका है. यह सिर्फ एक स्कूल नहीं है, बल्कि एक तरह की ट्रेनिंग एकेडमी है जो बच्चों को फौज में जाने के लिए तैयार करती है. इसकी खासियत यह है कि यह सीधे NDA के लिए रास्ता खोलती है. अभी 2026 के सेशन के लिए दाखिले शुरू हो गए हैं. अगर आप अपने बच्चे को यहाँ भेजना चाहते हैं, तो कुछ जरूरी बातें जान लीजिए.
कौन कर सकता है Apply?
इस कॉलेज में सिर्फ 8वीं क्लास में एडमिशन होता है और इसके लिए कुछ खास शर्तें हैं.
- उम्र: बच्चे की उम्र 11.5 साल से 13 साल के बीच होनी चाहिए. इसका मतलब है कि उसका जन्म 2 जनवरी 2013 से 1 जुलाई 2014 के बीच हुआ हो.
- पढ़ाई: बच्चा 7वीं क्लास में पढ़ रहा हो या 7वीं पास कर चुका हो.
- लड़के और लड़कियां दोनों: पहले सिर्फ लड़कों का एडमिशन होता था, पर अब लड़कियां भी apply कर सकती हैं. यह एक बहुत अच्छी खबर है.
फॉर्म भरने का पूरा तरीका क्या है?
इसका फॉर्म भरने का तरीका थोड़ा अलग है. आपको सबसे पहले RIMC से ही एक Prospectus-cum-Application Form मंगवाना होगा. यह आप दो तरीकों से मंगवा सकते हैं.
- Online Payment: आप RIMC की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं.
- Demand Draft: आप एक demand draft बनवाकर RIMC को भेज सकते हैं. General कैटेगरी के लिए फीस ₹600 और SC/ST के लिए ₹555 है.
यह फॉर्म आपको 15 अक्टूबर 2025 तक मिल जाना चाहिए. ध्यान रखें, भरे हुए फॉर्म को RIMC देहरादून के बजाय अपने राज्य के शिक्षा विभाग को भेजना होता है.
एग्जाम में क्या पूछा जाएगा?
इस एग्जाम में तीन पेपर होते हैं: English, Mathematics और General Knowledge. हर पेपर को पास करने के लिए कम से कम 50% नंबर लाने होते हैं.
- English: यह 125 नंबर का होता है और इसमें grammar, writing, और comprehension से सवाल आते हैं.
- Mathematics: यह सबसे ज्यादा यानी 200 नंबर का होता है. इसमें 7वीं क्लास तक के हिसाब से सवाल पूछे जाते हैं.
- General Knowledge: यह 75 नंबर का होता है और इसमें Current Affairs और Science के सवाल होते हैं.
जो बच्चे written exam पास कर लेंगे, उन्हें Viva-Voce (interview) के लिए बुलाया जाएगा. इसके बाद Medical Examination होता है. हर राज्य से सिर्फ 5-5 सीटें होती हैं, इसलिए यह एक बहुत मुश्किल और competitive exam है.

संदीप तिवारी एक मंझे हुए पत्रकार हैं, जो आर्थिक नीतियों, लेबर कानूनों और नौकरी बाज़ार पर उनके ज़मीनी असर पर रिपोर्टिंग करने में माहिर हैं। उनका बारीकी से रिसर्च करना और तथ्यों पर आधारित रिपोर्टिंग ही हमारी नौकरी से जुड़ी खबरों और अपडेट्स की सटीकता और भरोसेमंद होने की गारंटी है।