Rajasthan Constable Exam : राजस्थान पुलिस में सिपाही बनने के लिए हो रही भर्ती में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. भीलवाड़ा में एक exam centre पर असली उम्मीदवार की जगह एक नकली छात्र को पकड़ा गया है. ये खबर उन सब लोगों के लिए एक सबक है जो गलत तरीके से सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं. पुलिस ने इस मामले में फौरन कार्रवाई की है और आगे की जांच भी चल रही है. ये घटना बताती है कि आजकल सरकारी exam में कैसे-कैसे गड़बड़ की कोशिशें होती हैं.
भीलवाड़ा में क्या हुआ था?
ये घटना भीलवाड़ा शहर के एक exam center की है. पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि राजस्थान पुलिस Constable भर्ती की लिखित परीक्षा में कोई डमी कैंडिडेट बैठ सकता है. इसी जानकारी के आधार पर पुलिस की एक टीम ने exam center पर नज़र रखी. जब exam चल रहा था, तब उन्होंने एक छात्र को पकड़ा जो किसी और की जगह परीक्षा दे रहा था. पूछताछ करने पर उस छात्र ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. असल में उसने असली उम्मीदवार से पैसे लेकर उसकी जगह परीक्षा देने की deal की थी.
Dummy Candidate को कैसे पकड़ा गया?
पुलिस की टीम जब exam center पर पहुंची, तो उन्होंने वहां बैठे हर उम्मीदवार के documents और उनकी photo को बड़े ध्यान से check किया. जब वे उस छात्र के पास पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि उसके Admit Card पर लगी फोटो और उसकी शक्ल में कुछ फर्क था. इस पर पुलिस को शक हुआ. जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने अपनी identity छुपाने की कोशिश की, पर आखिर में उसने सच बता दिया. इससे यह साफ हो गया कि असली उम्मीदवार खुद परीक्षा नहीं दे रहा था बल्कि उसने अपने बदले किसी और को भेजा था.
असली उम्मीदवार की तलाश
पुलिस ने dummy candidate से पूछताछ के बाद असली उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है. इस तरह के मामलों में अक्सर एक पूरा racket काम करता है, जिसमें नकली उम्मीदवार, एजेंट और असली उम्मीदवार सब शामिल होते हैं. ये लोग पैसे लेकर ये सब काम करते हैं, जिससे मेहनती और ईमानदार छात्रों का हक मारा जाता है. मैं यही कहूँगा कि जो लोग मेहनत से तैयारी करते हैं, उनके साथ ऐसा धोखा नहीं होना चाहिए. पुलिस की ये कार्रवाई बहुत अच्छी है और इससे दूसरे धोखेबाजों को भी एक कड़ा संदेश मिलेगा.
आरोपी की पहचान और बायोमेट्रिक का कमाल
इस मामले में पुलिस ने जिस डमी कैंडिडेट को पकड़ा है, उसकी पहचान सुनील के रूप में हुई है. सुनील, भीलवाड़ा के सेठ मुरलीधर मानसिंगा गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में असली उम्मीदवार दीपक कुमार गुर्जर की जगह परीक्षा देने आया था. पुलिस को इन पर शक तब हुआ जब बायोमेट्रिक हाजिरी के दौरान उनके फिंगरप्रिंट और चेहरे का मिलान नहीं हुआ. जांच में यह भी सामने आया है कि सुनील ने 1 जून 2025 को हुई DElEd परीक्षा में भी किसी और की जगह परीक्षा दी थी. यानी यह उसका पहला मामला नहीं था. यह दिखाता है कि बायोमेट्रिक और AI जैसी technology कैसे ऐसे फर्जीवाड़े को रोकने में मदद कर रही है.
पूरे राजस्थान में चल रहा है यह गोरखधंधा
यह सिर्फ भीलवाड़ा का अकेला मामला नहीं है. पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि इस तरह के और भी लोग हैं जो अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में पैसे लेकर डमी कैंडिडेट के तौर पर काम करते हैं. जयपुर में भी एक ऐसे ही डमी कैंडिडेट भूपेंद्र को पकड़ा गया है, जिसने अपने भतीजे धर्मवीर की जगह परीक्षा दी थी. यह सब एक बड़े रैकेट का हिस्सा हैं जो लाखों रुपए लेकर लोगों को गलत तरीके से नौकरी दिलवाते हैं. ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस और प्रशासन लगातार काम कर रहे हैं. यह बताता है कि सरकार इस तरह के fraud को लेकर बहुत serious है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
पुलिस ने बताया कि आरोपी छात्र और असली उम्मीदवार, दोनों को ही कानून के हिसाब से सजा मिलेगी. इन दोनों के खिलाफ criminal case दर्ज किया गया है. यह मामला दिखाता है कि recruitment process में पारदर्शिता और strictness कितनी ज़रूरी है ताकि कोई भी गलत काम न हो. पुलिस की इस कार्रवाई से उन लाखों छात्रों का हौसला बढ़ेगा जो दिन-रात मेहनत करके सरकारी नौकरी का सपना देखते हैं.
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