Madhya Pradesh Unemployment : मध्य प्रदेश में पढ़े-लिखे नौजवानों के लिए नौकरी का इंतज़ार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. एक रिपोर्ट में सामने आया है कि 25 लाख से ज्यादा लोग, जो अलग-अलग field में educated हैं, job की तलाश में हैं. 2023 में यह संख्या 33 लाख से ज़्यादा थी, जो अब कम होकर 25.68 लाख हो गई है. इन job seekers में engineers, doctors, MBA graduates और दूसरे professionals भी शामिल हैं.
पढ़े-लिखे नौजवानों की लंबी कतार
Job की तलाश करने वालों में सबसे ज्यादा तादाद ग्रेजुएट्स और post-graduates की है. 8.3 लाख ग्रेजुएट्स और 2.38 लाख post-graduates unemployment register में दर्ज हैं. इसके अलावा, 12th pass students की भी बड़ी संख्या है, जिनकी तादाद 6.22 लाख है. इन numbers से पता चलता है कि हर level पर नौकरी की कमी है और नौजवानों को अपनी skill के हिसाब से job नहीं मिल पा रही है. Gender के हिसाब से देखें तो 13.91 लाख पुरुष और 11.76 लाख महिलाएं job की तलाश में हैं.
Engineers, Doctors और MBAs भी परेशान
जो सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात है वो ये है कि high-end professional qualifications वाले लोग भी unemployment का शिकार हैं. करीब 86,000 engineers, 4,800 से ज्यादा doctors और 18,800 MBA graduates भी job की तलाश में हैं. ये आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ सामान्य education ही नहीं, बल्कि professional degrees होने के बाद भी job पाना कितना मुश्किल हो गया है.
सरकारी आंकड़े और नए schemes
Official figures के मुताबिक, June 2025 तक मध्य प्रदेश में कुल 25.68 लाख job seekers register हुए हैं. इनमें से 10.46 लाख OBC category के हैं, 6.34 लाख general, 4.69 लाख SC और 4.18 लाख ST category के हैं. सरकार ने इन job seekers को ‘aspirational’ कहा है, क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि इनमें से कुछ लोग शायद already काम कर रहे हों और better opportunities की तलाश में हों. सरकार ने नौजवानों के लिए कई schemes भी चलाई हैं. एक नई Youth Stipend Scheme के तहत women को 6,000 और men को 5,000 रुपये का stipend दिया जा रहा है. विपक्ष ने सरकार की इस ‘aspirational’ वाली बात की आलोचना भी की है.

संदीप तिवारी एक मंझे हुए पत्रकार हैं, जो आर्थिक नीतियों, लेबर कानूनों और नौकरी बाज़ार पर उनके ज़मीनी असर पर रिपोर्टिंग करने में माहिर हैं। उनका बारीकी से रिसर्च करना और तथ्यों पर आधारित रिपोर्टिंग ही हमारी नौकरी से जुड़ी खबरों और अपडेट्स की सटीकता और भरोसेमंद होने की गारंटी है।