MBBS Admission Fraud: मुंबई में एक डॉक्टर के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है. ये धोखाधड़ी करने वाले कोई और नहीं बल्कि अस्पताल के ही एक बड़े अधिकारी थे. इन्होंने एक डॉक्टर से उनकी बेटी को MBBS में दाखिला दिलाने के नाम पर 70 लाख रुपये ठग लिए. ये मामला तब सामने आया जब पीड़ित को पता चला कि उनकी बेटी का दाखिला हुआ ही नहीं. ये पूरी घटना बताती है कि कैसे लोग इतने बड़े पदों पर बैठकर भी धोखा करने से नहीं डरते.
डॉक्टर से हुआ ये फ्रॉड, जानें पूरा मामला
यह कहानी है एक डॉक्टर रामचंद्र शुक्ला की जो अपनी बेटी के लिए मेडिकल कॉलेज में दाखिला ढूंढ रहे थे. उनकी बेटी ने 12वीं में 60% नंबर पाए थे और वह MBBS में एडमिशन चाहती थी. उन्होंने बहुत सारी कोशिशें की लेकिन मैनेजमेंट कोटा में भी कोई सीट नहीं मिल रही थी. तभी उनकी मुलाकात सायन अस्पताल के सस्पेंड हुए डिप्टी डीन, डॉक्टर राकेश रामनारायण वर्मा से हुई. राकेश वर्मा ने उनसे वादा किया कि वह उनकी बेटी को Lokmanya Tilak Municipal Medical College में एडमिशन दिला देंगे.
शुरुआत में राकेश वर्मा ने एक करोड़ रुपये की मांग की, लेकिन बाद में सौदा 70 लाख रुपये में तय हुआ. डॉ. शुक्ला ने सितंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच कई किस्तों में यह रकम जमा कर दी. राकेश वर्मा के साथ उनके तीन और साथी भी थे, जिनमें डॉ. अखिलेश्कुमार राममूर्ति पाल, लव अवधकिशोर गुप्ता और कुश गुप्ता शामिल हैं.
एडमिशन का नकली खेल और धोखे का तरीका
रुपये देने के बाद, डॉ. शुक्ला को एक fake एडमिशन लेटर और ईमेल मिला. उनकी बेटी ने मार्च 2021 से online classes लेना भी शुरू कर दिया था. लेकिन उसे classes में कुछ गड़बड़ी लगी. online class में सिर्फ 5 ही छात्र होते थे और उन्हें सिर्फ professor की आवाज़ सुनाई देती थी. Video हमेशा बंद रहता था. चार महीने तक यह सब चलता रहा.
जब शक बढ़ा तो डॉ. शुक्ला ने सीधे कॉलेज के डीन से बात की. तब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी का कोई एडमिशन हुआ ही नहीं और जो लेटर उन्हें दिया गया था, वो भी जाली था. अपनी बेटी का भविष्य और 70 लाख रुपये गंवाने के बाद डॉ. शुक्ला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस की कार्रवाई और कानूनी धाराएं
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. Sion पुलिस स्टेशन में आरोपी डॉ. राकेश वर्मा और उनके साथियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. पुलिस ने उन्हें कई गंभीर धाराओं के तहत आरोपी बनाया है.
यहां उन कानूनी धाराओं की लिस्ट है जो आरोपियों पर लगी हैं:
- IPC की धारा 420: cheating (धोखाधड़ी)
- IPC की धारा 465: forgery (जालसाजी)
- IPC की धारा 468: Forgery for the purpose of cheating (धोखाधड़ी के मकसद से जालसाजी)
- IPC की धारा 471: Using as genuine a forged document (फर्जी दस्तावेज को असली के तौर पर इस्तेमाल करना)
- IPC की धारा 34: Acts done by several persons in furtherance of common intention (साझा इरादे को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य)
यह जानकर आपको हैरानी होगी कि ये वही डॉक्टर राकेश वर्मा हैं जिन पर पहले भी कई आरोप लगे हैं. पुलिस के मुताबिक, राकेश वर्मा के खिलाफ यह धोखाधड़ी का छठा मामला है. उन्हें 2023 में भी एक और मेडिकल एडमिशन scam के चलते सस्पेंड किया गया था.
मेडिकल एडमिशन के लिए क्या करें?
ये खबर उन सभी लोगों के लिए एक सबक है जो अपने बच्चों के दाखिले के लिए shortcut ढूंढते हैं. हमें किसी भी तरह के झांसे में नहीं आना चाहिए. खासकर जब लोग लाखों रुपये मांग रहे हों. हमेशा सही तरीके से और पूरी जांच-पड़ताल करके ही आगे बढ़ना चाहिए.
MBBS Admission से जुड़ी सही जानकारी के लिए आप इन सरकारी वेबसाइट्स पर जा सकते हैं:
Medical Counselling Committee (MCC) Official Website
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