CBSE surprise inspections: CBSE ने हाल ही में कुछ Schools पर अचानक जांच की है. असल में CBSE के जो नियम-कानून हैं, उन्हें सही से फॉलो किया जा रहा है या नहीं, ये देखने के लिए बोर्ड ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, केरल और राजस्थान जैसे 6 राज्यों और Union Territories में 10 स्कूलों की एकदम से जांच की. इस जांच का मकसद यह पता लगाना था कि क्या school अपनी जगह पर सही से काम कर रहे हैं, या कुछ नियमों का उल्लंघन हो रहा है. यह एक बड़ी पहल है जो शिक्षा के standards को बनाए रखने के लिए बहुत ज़रूरी है.
किन बातों पर हुई जांच?
जो टीमें जांच के लिए भेजी गईं, उन्होंने कई बातें देखीं. सबसे पहले तो यह चेक किया गया कि क्या school में ‘डमी स्टूडेंट्स’ तो नहीं हैं. यानी ऐसे बच्चे जिनका नाम तो रजिस्टर में है, लेकिन वो क्लास में आते नहीं हैं. यह एक बहुत गलत practice है और इससे पढ़ाई का नुकसान होता है. इस जांच में यह पाया गया कि कुछ स्कूलों में 25 से 30 प्रतिशत तक डमी students थे. इसके अलावा, टीमों ने यह भी जांच की कि स्कूल का infrastructure कैसा है. यानी क्लासरूम, laboratories और बाकी सुविधाएं CBSE के हिसाब से हैं या नहीं. कुछ स्कूलों में पाया गया कि labs में जरूरी equipment नहीं थे और toilets की हालत भी ठीक नहीं थी.
जांच की प्रक्रिया और इसका मकसद
CBSE की इस कार्रवाई में एक officer और एक school principal की 10 टीमें बनाई गईं. इन टीमों को अलग-अलग जगहों पर एक ही समय पर भेजा गया, ताकि schools को पहले से कोई खबर न मिल पाए. यह तरीका इसलिए अपनाया गया ताकि जांच के दौरान सही और सटीक जानकारी मिले. CBSE का कहना है कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि educational standards को बनाए रखा जा सके और बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े. बोर्ड ने साफ़ तौर पर कहा है कि इस तरह की जांच आगे भी जारी रहेगी ताकि schools सही रास्ते पर चलें.
आगे क्या होगा?
अभी तो इन inspection टीमों ने अपनी report सौंप दी है. CBSE अब इन सभी reports को देखेगा और जहां भी कोई गड़बड़ी पाई गई है, वहां सख्त action लिया जाएगा. बोर्ड ने साफ कहा है कि जो भी school नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनकी affiliation रद्द करने जैसी कार्रवाई हो सकती है. यह दिखाता है कि CBSE अपनी educational quality के मामले में कोई compromise नहीं करना चाहता. मेरा मानना है कि ऐसी जांच होनी चाहिए ताकि बच्चों का future सही हाथों में रहे और शिक्षा का स्तर भी बेहतर हो.

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