रेलवे भर्ती में भाषा विवाद: MP ने हिंदी पेपर का किया विरोध, क्या रद्द होगा एग्जाम? | Railway Exam Language Issue

Railway Exam Language Controversy : रेलवे की भर्ती परीक्षाओं को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है. ये मामला दक्षिण भारत का है, जहाँ एक MP ने Railway exam में Tamil language का पेपर न होने पर सख़्त एतराज़ जताया है.1 CPIM के MP Venkatesan ने Railway Minister Ashwini Vaishnav को एक Letter लिखा है और कहा है कि Southern Railway में Junior Engineer की promotion exam में सिर्फ़ Hindi और English में ही सवाल पूछे गए.2 यह रेलवे के अपने ही नियम का उल्लंघन है, जहाँ क्षेत्रीय भाषा में भी पेपर देना ज़रूरी है. उन्होंने इसे भाषा के अधिकारों का हनन (denial of language rights) बताया है और मांग की है कि इस Exam को रद्द करके Tamil language में भी Paper दिया जाए.3

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पूरा मामला क्या है और क्या कहते हैं नियम?

 

दरअसल, ये मामला Southern Railway के Signal and Telecommunications wing में Junior Engineers की promotion exam से जुड़ा है, जो 10 August 2025 को हुई थी.4 MP Venkatesan ने Railway Minister को लिखे अपने Letter में Notification No. 16/2025 का ज़िक्र किया. इस नियम के हिसाब से, departmental promotion के लिए होने वाले exam में सवाल तीन भाषाओं में होने चाहिए, जिसमें उस राज्य की भाषा भी शामिल हो.

 

उन्होंने social media platform ‘X’ पर भी इस बारे में लिखा और कहा कि Tamil language को ख़त्म करना और Hindi को थोपना ही Railways का तरीक़ा बन गया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ एक ग़लती नहीं है, बल्कि यह एक तरह से उम्मीदवारों के अधिकारों पर सीधा हमला है.

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पहले भी उठ चुके हैं ऐसे सवाल

 

यह कोई पहला मौक़ा नहीं है, जब Railway recruitment exam में भाषा को लेकर विवाद हुआ हो. इससे पहले भी कई बार दक्षिण भारत के राज्यों से ऐसे मामले सामने आते रहे हैं. साल 2018 में, जब RRB Group D की भर्ती आई थी, तब भी Malayalam और Kannada भाषाओं में पेपर न होने पर विरोध हुआ था. अक्सर इन controversies में ये बात सामने आती है कि Hindi और English में paper होने से उन उम्मीदवारों को फ़ायदा होता है, जो Hindi-speaking states से होते हैं और इसका नुक़सान क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले नौजवानों को उठाना पड़ता है.

एक बात मैं कह सकता हूँ कि अगर कोई भर्ती पूरे भारत के लिए है, तो हर उम्मीदवार को उसकी अपनी भाषा में पेपर देने का हक़ होना चाहिए. ये एक बड़ा मसला है, क्योंकि इससे कई नौजवानों की नौकरी पर असर पड़ता है.

 

आगे क्या हो सकता है?

 

MP Venkatesan ने Railway Minister से इस Exam को cancel करके एक re-exam कराने की मांग की है.5 अब देखना ये है कि Railway Ministry इस पर क्या जवाब देती है. अभी तक Ministry की तरफ़ से कोई official बयान नहीं आया है. यह मुद्दा सिर्फ़ एक exam का नहीं, बल्कि भाषा के सम्मान और हर क्षेत्र के नौजवानों को बराबर मौक़ा देने का है.

 

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