Patwari Caught Bribe : श्रीगंगानगर में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक Patwari को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. ये Patwari एक जमीन के केस में फैसला कराने के लिए 95 हजार रुपये की रिश्वत ले रहा था. इस घटना से एक बार फिर ये बात सामने आई है कि सरकारी दफ्तरों में कैसे छोटे-छोटे काम के लिए भी लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है.
रिश्वत लेते Patwari Arrested
ये पूरा मामला श्रीगंगानगर की सूरतगढ़ तहसील के गांव 2DPM का है. वहां के हल्का पटवारी अनिल कालवानी को ACB की टीम ने उसके घर पर ही 95 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा. आरोपी पटवारी ने यह रिश्वत एक जमीन के मामले में कोर्ट के आदेश के बाद इंतकाल दर्ज करने के लिए मांगी थी. जब पीड़ित व्यक्ति ने इतने पैसे देने से मना किया, तो Patwari ने उसे बार-बार परेशान किया. परेशान होकर उसने ACB में शिकायत दर्ज कराई.
क्या है पूरा मामला
जिस व्यक्ति से रिश्वत मांगी गई थी, उसकी जमीन का Court में Case चल रहा था. Court के फैसले के बाद जमीन का इंतकाल यानी नामांतरण कराने के लिए उसे पटवारी से संपर्क करना पड़ा. पटवारी ने इसी काम के लिए 95 हजार रुपये की मोटी रकम मांगी थी. पीड़ित ने जब इसकी शिकायत ACB से की, तो टीम ने पूरी प्लानिंग की. ACB ने शिकायत मिलने के बाद सत्यापन (verification) किया, जिसमें रिश्वत मांगने की बात सही पाई गई. इसके बाद टीम ने Trap लगाया. जैसे ही पीड़ित ने पटवारी अनिल कालवानी को उसके घर पर पैसे दिए, ACB की टीम ने तुरंत उसे पकड़ लिया और पैसे बरामद कर लिए.
भ्रष्टाचार पर लगाम कैसे लगे?
ऐसे मामले सिर्फ रिश्वत देने और लेने वाले तक सीमित नहीं होते. यह पूरे System पर सवाल उठाते हैं. मेरा मानना है कि जब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक ये सब चलता रहेगा. एक Patwari का काम जमीन से जुड़े मामलों को सुलझाना होता है, पर जब वही लोगों को परेशान करने लगे, तो ये बहुत दुख की बात है. रिश्वतखोरी को खत्म करने के लिए लोगों को भी आगे आना होगा और शिकायत दर्ज करानी होगी. ACB जैसी संस्थाएं इसीलिए हैं.

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